Gold Price: सोने के भाव में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट, बाजारों में बढ़ी भीड़

Gold Price Drop in India 2025: देशभर में लोग हैरान हैं क्योंकि सोना, जिसे अब तक सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता था, उसकी कीमतें लगातार चौथे दिन नीचे आ रही हैं। जी हां, Gold Price पिछले हफ्ते तक रफ़्तार पकड़े बैठा था, लेकिन अचानक इंटरनेशनल मार्केट में हलचल ने भारतीय बाज़ार को हिला दिया है। आज हाल ये है कि दिल्ली से लेकर मुंबई, जयपुर से लेकर चंडीगढ़ और हरियाणा के हर शहर तक सोने की कीमत में चौथे दिन भी गिरावट दर्ज की गई है।

सोना जिसे अक्सर “संकट के वक्त का सहारा” कहा जाता है, अब खरीदारों को राहत दे रहा है लेकिन निवेशकों और ज्वेलरी कारोबारियों की चिंता भी बढ़ा रहा है। हरियाणा के कस्बाई इलाकों में लोग दुकानों पर जाकर ताज़ा दाम पूछ रहे हैं और कई जगहों पर खरीदारी अचानक बढ़ गई है।

लगातार क्यों घट रहा है Gold Price?

असल में सोने की कीमत का सीधा ताल्लुक इंटरनेशनल मार्केट से है। अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने की संभावना, डॉलर इंडेक्स का मज़बूत होना और ग्लोबल क्रूड ऑयल प्राइस में उतार-चढ़ाव—इन सब वजहों से Gold Price पर दबाव बना है। वहीं घरेलू मार्केट में त्योहारी सीजन अभी शुरू नहीं हुआ, तो मांग थोड़ी सुस्त है।

RBI की गोल्ड रिज़र्व पॉलिसी और विदेशी निवेशकों का रुख भी कीमतों पर असर डालता है। यही वजह है कि सोना बार-बार ऊपर-नीचे हो रहा है।

रिकॉर्ड हाई लेवल से कम हुई कीमत 

14 अगस्त के अंत तक 24 कैरेट सोने का भाव 1,01,350 रुपये प्रति 10 ग्राम और 100 ग्राम सोने का भाव 10,13,500 रुपये प्रति 10 ग्राम था. वहीं, 22 कैरेट के 10 ग्राम सोने का भाव 92,900 रुपये और 100 ग्राम की कीमत 9,29,000 रुपये है. 8 अगस्त को 10,33,100 रुपये के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया था. उस हिसाब से 24 कैरेट 100 ग्राम सोने की कीमत अपने रिकॉर्ड हाई लेवल से 19,600 रुपये कम है, जबकि 10 ग्राम की कीमत 1,960 रुपये कम है. फिर भी, अगस्त 2025 में सोने की कीमत में 1.53 परसेंट का इजाफा हुआ है.

चांदी की कीमत में उछाल  

हालांकि, सोने के उलट चांदी की कीमतों में 14 अगस्त को भारी उछाल आया. एक किलो चांदी की कीमत 1,000 रुपये बढ़कर 1,16,000 रुपये पर पहुंच गई. वहीं, 100 ग्राम और 10 ग्राम चांदी की कीमतें क्रमशः 11,600 रुपये और 1,160 रुपये पर रहीं. 

लगातार गिरावट का असर किस पर कैसा?

Gold Price में अचानक आई इस गिरावट का अलग-अलग लोगों पर अलग असर है।

  • शादी के लिए ज्वेलरी बनाने वालों को बड़ी राहत मिल रही है।
  • निवेशकों को चिंता है कि उनकी खरीदी गई कीमत ऊंची थी और अब घाटा बढ़ रहा है।
  • ज्वैलर्स मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में मांग बढ़ सकती है क्योंकि लोग “सस्ता सोना” हाथ से जाने नहीं देना चाहेंगे।

लोगों की प्रतिक्रिया – हरियाणा में माहौल

करनाल, रोहतक, अंबाला और गुरुग्राम में ज्वेलरी दुकानों पर भीड़ बढ़ी है। कई दुकानदारों ने बताया कि लोग रोज़ दाम चेक कर रहे हैं और धीरे-धीरे खरीदारी कर रहे हैं। कुछ महिलाएं तो कह रही हैं कि अगर यह ट्रेंड और चले तो त्योहार और शादियों में सोने की खरीदारी करना पहले से आसान हो जाएगा।

गांवों में भी हालत बदल रही है। किसान कह रहे हैं कि अगर उनकी फसल की कमाई सही हुई तो इस बार वे खेत के मुनाफे से सोना जरूर खरीदेंगे।

क्या आगे और गिरेगा Gold Price?

एक बड़ा सवाल यही है कि क्या आगे भी सोने की कीमत गिरेगी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंटरनेशनल गोल्ड मार्केट अभी अस्थिर है। डॉलर मज़बूत रहेगा तो Gold Price पर दबाव रहेगा। हालांकि लंबी अवधि में सोना हमेशा मज़बूत निवेश माना गया है।

कमोडिटी विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले हफ्तों में सोने की कीमत ₹1000-1500 तक और नीचे आ सकती है, लेकिन त्योहारी सीजन जैसे ही शुरू होगा, कीमतें फिर ऊपर चढ़ सकती हैं।

इतिहास गवाह है: सोना हमेशा वापसी करता है

पिछले एक दशक में कई बार सोने ने नीचे जाकर रिकॉर्ड वापसी की है। 2013 में जब कीमतें गिरी थीं तो लोगों ने जमकर खरीदारी की थी और अगले ही साल सोना फिर रिकॉर्ड तोड़ स्तर पर पहुंचा था। 2020 में कोरोना के दौरान भी यही कहानी रही।

इसलिए इस समय को एक्सपर्ट “गोल्डन बायिंग टाइम” बता रहे हैं। यानी यह वक्त उन लोगों के लिए अच्छा हो सकता है जो शादियों या लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए सोना चाहते हैं।

तो अब मामला साफ है। Gold Price की गिरावट आम जनता के लिए राहत और निवेशकों के लिए रिस्क दोनों लेकर आई है।
अगर आप साधारण खरीदार हैं और सोना सिर्फ़ घर के लिए खरीदते हैं तो यह मौका आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। लेकिन अगर आप निवेशक हैं और ऊंची कीमत पर खरीदारी कर चुके हैं, तो फिलहाल आपको धैर्य रखना होगा।

हरियाणा और NCR के लोगों के लिए यह अच्छी खबर है क्योंकि शादी-ब्याह और त्योहारों पर सोने की खरीदारी हर घर की ज़रूरत होती है। और अगर कीमतें इसी तरह गिरती रहीं तो लोगों को जेब से कम खर्च करना पड़ेगा।

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