भारत में अगर सबसे ज़रूरी चीज़ों की लिस्ट बनाई जाए तो उसमें दूध सबसे ऊपर आता है। बच्चे हों या बुजुर्ग, चाय-कॉफी हो या मिठाई, बिना दूध के रोज़मर्रा की जिंदगी अधूरी लगती है। लेकिन अब आम आदमी की जेब पर दूध ने एक और बोझ डाल दिया है। देशभर की बड़ी डेयरी कंपनियों ने Milk Price Hike का ऐलान कर दिया है। यानी आज से आपको दूध खरीदने के लिए ज्यादा पैसा चुकाना पड़ेगा।
दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, पानीपत, लखनऊ, जयपुर और पूरे पंजाब-हरियाणा में नई कीमतें लागू हो चुकी हैं। सवाल यह है कि दूध महंगा क्यों हुआ, कितना बढ़ा और किस पर सबसे ज्यादा असर होने वाला है।
आखिर दूध क्यों हुआ महंगा?
डेयरी सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कई महीनों से पशु आहार (Animal Feed), बिजली, डीजल, और ट्रांसपोर्टेशन की लागत लगातार बढ़ रही थी। फिर मानसून की अनिश्चितता और चारों का दाम आसमान छूने लगे। इन वजहों से दूध उत्पादन की लागत इतनी बढ़ गई कि कंपनियों ने कीमतें बढ़ाने का फैसला किया।
सहकारी डेयरी कंपनियां जैसे Amul, Mother Dairy, Sudha और निजी ब्रांड्स ने साफ कहा है कि अगर दूध दाम न बढ़ाए जाते तो किसानों को सही रेट नहीं मिल पाता और दूध सप्लाई पर असर पड़ सकता था।
नई कीमतें कितनी बढ़ीं?
आज से देशभर में अलग-अलग ब्रांड्स और राज्यों में दूध के दाम औसतन ₹2 से ₹4 प्रति लीटर तक बढ़ा दिए गए हैं। आइए एक नज़र डालते हैं—
ब्रांड/कंपनी | पुरानी कीमत (₹/लीटर) | नई कीमत (₹/लीटर) | बढ़ोतरी |
---|---|---|---|
Amul Gold (फुल क्रीम) | ₹64 | ₹66 | ₹2 |
Amul Taaza (टोंड) | ₹52 | ₹54 | ₹2 |
Mother Dairy फुल क्रीम | ₹64 | ₹66 | ₹2 |
Mother Dairy टोंड | ₹52 | ₹54 | ₹2 |
Sudha फुल क्रीम | ₹62 | ₹64 | ₹2 |
Haryana डेयरी लोकल | ₹56 | ₹58 | ₹2 |
स्पष्ट है कि Milk Price Hike का असर सीधे-सीधे हर परिवार के बजट पर पड़ेगा।
किस पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?
दूध महंगा होने का असर हर वर्ग पर अलग-अलग होगा।
- मिडिल क्लास परिवारों की जेब सीधी हल्की होगी।
- मिठाई और चाय विक्रेता परेशान हैं क्योंकि उन्हें अब ज्यादा निवेश करना होगा।
- होटल और रेस्टोरेंट को लागत बढ़ने की चिंता है, जिसका बोझ ग्राहक पर डाला जा सकता है।
- गाँवों में दुग्ध उत्पादन करने वाले किसान खुश हैं क्योंकि उन्हें थोड़ी ज्यादा कमाई मिलेगी।
हरियाणा के जींद, रोहतक और हिसार के डेयरी किसान साफ कहते हैं कि महंगाई के इस दौर में यह कदम किसानों के लिए राहत है।
लोगों की प्रतिक्रिया – आम जनता क्या कह रही है?
दिल्ली और हरियाणा में सुबह-सुबह दूध खरीदने गए लोग दाम सुनकर हैरान रह गए। कई लोग कह रहे हैं कि पिछले दो साल में चौथी बार दूध महंगा हुआ है। पहले ही गैस, सब्ज़ी, दाल और पेट्रोल-डीज़ल का बोझ झेल रहे लोग अब दूध की महंगाई से परेशान हैं।
गुरुग्राम सेक्टर 23 की गृहिणी सीमा ने कहा—“चाय, कॉफी और बच्चों के लिए दूध तो लेना ही है। अब घर का मासिक बजट बिगड़ जाएगा।” वहीं करनाल के किसान रामवीर का कहना है—“हमारा फायदा तो है, लेकिन खरीदारों पर ज्यादा बोझ आ गया।”
क्या आगे भी बढ़ेंगे दूध के दाम?
डेयरी इंडस्ट्री जानकारों का मानना है कि आने वाले महीनों में कीमतें और बढ़ सकती हैं। अगर पशु चारे और ट्रांसपोर्ट की लागत नियंत्रित नहीं हुई तो अगले 6 महीने में दूध और ₹2 से ₹3 लीटर तक महंगा हो सकता है।
हालांकि सरकार का कहना है कि वह स्थिति पर नज़र बनाए हुए है। अगर कीमतें बेकाबू हुईं तो किसानों और खरीदारों दोनों के लिए सब्सिडी या राहत पैकेज लाया जा सकता है।
Milk Price Hike का राजनीतिक पहलू
हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में दूध और डेयरी सबसे बड़ा कारोबार है। चुनाव नजदीक आते ही दूध के दाम बढ़ना विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा बन सकता है। किसान तो खुश हैं लेकिन मिडिल क्लास और गरीब परिवारों की नाराज़गी सीधे राजनीति पर असर डाल सकती है।
निष्कर्ष – राहत और चिंता दोनों
तो अब मामला साफ है। Milk Price Hike का असर दो तरफा है। किसान इस फैसले से संतुष्ट हैं क्योंकि उन्हें सही दाम मिल रहे हैं, लेकिन आम उपभोक्ता की जेब पर बड़ा बोझ पड़ रहा है।
खास तौर पर हरियाणा और NCR के लोगों के लिए यह मुद्दा गर्म है क्योंकि यहां दूध की खपत सबसे ज़्यादा होती है। अगर आने वाले दिनों में कीमतें और बढ़ीं तो यह आम आदमी के लिए जिंदगी और मुश्किल बना देगा।