देशभर में इन दिनों एक सवाल लोगों को सबसे ज्यादा परेशान कर रहा है—क्या ₹500 के नोट बंद हो रहे हैं? वजह भी वही पुरानी पहेली है जो अचानक सोशल मीडिया और ज़मीनी चर्चाओं में उभर आई है। लोग शिकायत कर रहे हैं कि ATM से ज्यादातर ₹500 के नोट निकलना बंद हो गए हैं। कहीं सिर्फ सौ-सौ रुपये के नोट निकल रहे हैं, तो कहीं मशीन “कैश नॉट अवेलेबल” का मैसेज दिखा रही है।
अब आम जनता के मन में सवाल यही है कि क्या सरकार ₹500 का नोट धीरे-धीरे सर्कुलेशन से हटा रही है, या फिर यह केवल कैश मैनेजमेंट की तकनीकी समस्या है। आइए पूरे मामले को गहराई से समझते हैं।
ATM से क्यों गायब हो रहे हैं ₹500 के नोट?
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के सूत्रों के मुताबिक, देश में ₹500 का नोट सबसे ज्यादा सर्कुलेशन में है। अभी देश की करेंसी का लगभग 80% हिस्सा ₹500 और ₹2000 के नोट पर आधारित है। लेकिन पिछले कुछ महीने से नोटों की सप्लाई का पैटर्न बदल गया है।
ATM भरने वाली कंपनियों का कहना है कि उन्हें RBI से सप्लाई कम मिल रही है। कैश वेंडर्स को ज्यादातर सौ के नये नोट और 200 रुपये के नोट की गड्डियां दी जा रही हैं। ऐसे में मशीनों में ₹500 का नोट कम डाल पा रहे हैं।
कई बैंक अधिकारी मानते हैं कि ₹500 का स्टॉक जानबूझकर कम मार्केट में डाला जा रहा है। हालांकि सरकार ने अभी तक किसी आधिकारिक सूचना में “₹500 के नोट बंद” करने जैसा कोई ऐलान नहीं किया है।
क्या फिर से दोहराई जाएगी 2016 जैसी कहानी?
2016 में जब अचानक नोटबंदी का ऐलान हुआ था, तो लोग रातों-रात ATM और बैंकों की लाइन में खड़े दिखे थे। अब ₹500 के नोट को लेकर उठी चर्चाओं से वही पुरानी यादें ताज़ा हो गई हैं। पूरे सोशल मीडिया पर ऐसे सवाल आ रहे हैं—
- “क्या सरकार चुपचाप ₹500 का नोट बंद कर रही है?”
- “क्या फिर से अचानक नई करेंसी लाने की तैयारी है?”
- “क्या ये चुनावी साल का कोई इकोनॉमिक प्लान है?”
हालांकि सरकार लगातार सफाई दे रही है कि नोटबंदी जैसी कोई योजना नहीं है। RBI की वेबसाइट पर भी इस बारे में कोई नोटिस नहीं जारी किया गया है।
ज़मीनी हकीकत – लोगों की दिक्कतें
हरियाणा से लेकर दिल्ली, यूपी, राजस्थान और बिहार तक हर जगह से यही खबर आ रही है कि ATM मशीन खाली मिल रही हैं। अगर पैसे निकलते भी हैं तो उसमें अधिकतर ₹100 और ₹200 के नोट ही होते हैं।
लोगों की सबसे बड़ी शिकायत यह है कि ₹500 का नोट चलन में न होने से जेब में नोटों की गड्डी मोटी हो जा रही है। दुकानदार भी छोटे नोटों की कमी की वजह से परेशान हैं।
- ग्रामीण इलाकों में कैश की छोटी करेंसी की मांग बढ़ी है।
- बाजार में खुल्ले की समस्या और अधिक गहरी हो गई है।
- शादी-ब्याह और त्योहार के सीजन में लोग ट्रांजैक्शन को लेकर तनाव में हैं।
RBI की सफाई क्या कहती है?
RBI ने अनौपचारिक तौर पर कहा है कि ₹500 का नोट बंद करने की कोई योजना फिलहाल नहीं है। बस सर्कुलेशन के पैटर्न को बदला गया है ताकि छोटे नोटों का उपयोग बढ़ सके। दरअसल, पिछले कुछ सालों से हर बार यह शिकायत आ रही थी कि भारत की करेंसी सिस्टम बड़ी denominate नोटों (₹2000, ₹500) पर निर्भर हो गई थी।
ऐसे में RBI ने रणनीति बनाई कि ₹100 और ₹200 नोटों को ज्यादा मार्केट में उतारा जाए। यही वजह है कि ATM में ₹500 की सप्लाई फिलहाल कम कर दी गई है, लेकिन बंद करने की कोई बात नहीं है।
आंकड़ों पर नज़र डालें तो मामला साफ होता है
RBI की 2024-25 की करेंसी रिपोर्ट के मुताबिक:
करेंसी नोट | कुल सर्कुलेशन में प्रतिशत | स्थिति |
---|---|---|
₹2000 | 5% से भी कम | धीरे-धीरे मार्केट से वापस लिया जा रहा |
₹500 | लगभग 77% | सबसे ज्यादा चलन में |
₹200 | 12% | तेजी से बढ़ रहा सर्कुलेशन |
₹100 | 6% | कैश ट्रांजैक्शन के लिए हॉटस्पॉट |
₹50 व अन्य | केवल 3% | सीमित उपयोग |
यानी आंकड़ों से साफ है कि ₹500 का नोट आज भी सबसे ज्यादा मार्केट में है और इसे अचानक “बैन” करना लगभग नामुमकिन है।
क्या सरकार कर सकती है कोई बड़ा कदम?
आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनावी सालों में सरकार कभी भी कैश सर्कुलेशन को लेकर सख्त फैसले ले सकती है। लेकिन ₹500 का नोट बंद करना व्यवहारिक रूप से नामुमकिन है क्योंकि यह भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है।
हाँ, इतना तय है कि आने वाले वक्त में डिजिटल ट्रांजैक्शन और भी ज्यादा बढ़ाने की प्लानिंग है। UPI और डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए कैश मार्केट में नई बैलेंसिंग हो रही है।
लोगों के मन की दुविधा
गाँवों में लोग चर्चा कर रहे हैं कि अगर ₹500 का नोट बंद हो गया तो उनका क्या होगा? वहीं शहर में लोग कह रहे हैं कि सरकार को ऐसी अफवाहों पर तुरंत रोक लगानी चाहिए। दुकानदारों का कहना है कि ₹500 का नोट नहीं मिलने से कारोबार बहुत प्रभावित हो रहा है।
निष्कर्ष – अफवाहों से बचें, सच्चाई पर ध्यान दें
आख़िर में सबसे अहम सवाल यही है—क्या ₹500 का नोट बंद होगा?
सरकार और RBI दोनों की तरफ़ से यह साफ किया गया है कि फिलहाल इसका कोई इरादा नहीं है। ATM से ₹500 के नोट गायब होना केवल करेंसी डिस्ट्रीब्यूशन और छोटे नोटों की सप्लाई बढ़ाने की वजह है।
इसलिए लोगों को अफवाहों से बचकर सच्चाई पर ध्यान देना चाहिए। हाँ, मानना पड़ेगा कि सरकार और RBI की कैश मैनेजमेंट पॉलिसी पर और ज्यादा पारदर्शिता की ज़रूरत है ताकि जनता को भ्रम न हो।