देश के किसानों के लिए बड़ी राहत: केंद्र सरकार ने Kisan Credit Card (KCC) के तहत मिलने वाले रियायती ब्याज लाभ की सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी है, जिससे सस्ती दर पर अधिक क्रेडिट उपलब्ध होगा और साहूकारों पर निर्भरता घटेगी। यह बदलाव Union Budget 2025-26 में घोषित Modified Interest Subvention Scheme (MISS) के तहत लागू किया गया है, जिससे करोड़ों किसानों को लाभ मिलेगा। सरकार के अनुसार, ऑपरेटिव KCC के जरिए अब तक ₹10.05 लाख करोड़ का किफायती कृषि ऋण किसानों को दिया जा चुका है, और नई सीमा से यह पहुंच और बढ़ेगी।
सरकार ने संसद में स्पष्ट किया कि KCC की collateral-free सीमा 1 जनवरी 2025 से ₹1.6 लाख से बढ़ाकर ₹2 लाख कर दी गई है, और फिलहाल इसे ₹2 लाख से आगे बढ़ाने पर विचार नहीं है। ध्यान रहे, ₹5 लाख की नई सीमा MISS के रियायती ब्याज लाभ (interest subvention) की अधिकतम पात्र राशि है; वास्तविक KCC लिमिट किसान की खेती की लागत, फसल पैटर्न, निवेश जरूरत और बैंक के आकलन पर निर्भर करेगी।
KCC पर ब्याज दर और सब्सिडी कैसे मिलेगी
- KCC के शॉर्ट-टर्म फसल ऋण पर सरकार ब्याज छूट (Interest Subvention) देती है; बजट 2025-26 में यही छूट सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी गई है।
- समय पर भुगतान करने पर Prompt Repayment Incentive (PRI) के साथ प्रभावी ब्याज दर और कम हो सकती है; MISS को 2025-26 में जारी रखने को कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
- Collateral-free क्रेडिट की सीमा 01-01-2025 से ₹2 लाख है; इससे ऊपर बैंक सुरक्षा मांग सकते हैं।
हर बैंक अपनी स्कीम/प्रोडक्ट के हिसाब से KCC देता है; उदाहरण के तौर पर SBI KCC पर सब्सिडी और कोलैटरल नियम बताते हुए ₹2 लाख तक बिना जमानत और टाई-अप केस में ₹3 लाख तक रियायत का उल्लेख करता है।
पात्रता और लिमिट कैसे तय होती है
RBI की KCC गाइडलाइन्स के मुताबिक 5 साल की अवधि के लिए लिमिट तय की जाती है, जिसमें फसल लागत (Scale of Finance x क्षेत्र), 10% पोस्ट-हार्वेस्ट/कंजम्प्शन, 20% रखरखाव, बीमा आदि जोड़कर पहला साल बनता है। दूसरे से पाँचवें साल तक हर साल 10% एस्केलेशन और प्रस्तावित टर्म-लोन जोड़कर 5वें साल का शॉर्ट-टर्म लिमिट + टर्म-लोन = Maximum Permissible Limit (MPL) होता है, जिसे KCC लिमिट माना जाता है। टेनेंट, शेयरक्रॉपर, ओरल लीसी भी पात्र हैं; यह बात सरकार ने संसद के जवाब में दोहराई है। कई बैंकों में उच्चतम सीमा फसल/जमीन/गतिविधि के आधार पर काफी अधिक तक जा सकती है, जैसे PNB डॉक्यूमेंट में नीति अनुसार अधिकतम सीमा का ढांचा दिया गया है।
आवेदन से मंजूरी तक: स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया
- पात्रता जांचें: मालिक किसान, टेनेंट, शेयरक्रॉपर, JLG/SHG सभी KCC ले सकते हैं; खेती/संबद्ध गतिविधि का प्रूफ तैयार रखें।
- बैंक/डिस्ट्रिक्ट की Scale of Finance देखें: किस फसल पर प्रति एकड़ लागत कितनी मान्य है; इसी से बेस लिमिट बनती है।
- दस्तावेज तैयार करें: भूमि/किरायानामा या खेती का सबूत, पहचान/पता, बैंक स्टेटमेंट, पिछला ऋण रिकॉर्ड, फसल योजना, यदि निवेश है तो यूनिट कॉस्ट/कोटेशन।
- आवेदन करें: नजदीकी बैंक शाखा/कियोस्क/ऑनलाइन पोर्टल (जहां उपलब्ध) से KCC फॉर्म भरें; बैंक फील्ड-वेरिफिकेशन और क्रेडिट असेसमेंट करेगा।
- सब-लिमिट तय होगी: वर्किंग कैपिटल (फसल) और टर्म-लोन हिस्से अलग सब-लिमिट में रखे जाते हैं, क्योंकि ब्याज/रीपेमेंट नियम अलग होते हैं।
- सैंक्शन और इश्यू: KCC/पासबुक/डेबिट कार्ड के साथ कैश-क्रेडिट सुविधा सक्रिय हो जाती है; डिस्बर्सल सीजनल जरूरत के अनुसार।
- नवीनीकरण: KCC की अवधि 5 साल की होती है; सालाना समीक्षा/एन्हांसमेंट में 10% एस्केलेशन और जरूरत के हिसाब से बदलाव किए जाते हैं।
कितना फायदा—व्यावहारिक समझ
- अब शॉर्ट-टर्म KCC लोन पर रियायती ब्याज लाभ ₹5 लाख तक के लिए उपलब्ध होने से अधिक कार्यशील पूंजी सस्ती दर पर मिलेगी, जिससे इनपुट लागत और ब्याज बोझ घटेगा।
- समय पर भुगतान (PRI) से प्रभावी ब्याज और कम हो सकता है; कैबिनेट ने 2025-26 के लिए ब्याज सब्सिडी जारी रखने को मंजूरी दी है।
- Collateral-free सीमा ₹2 लाख है; इस से ऊपर बैंक सुरक्षा मांग सकते हैं—यह सरकार ने स्पष्ट किया है।
त्वरित तुलना: पुराने बनाम नए नियम
ध्यान रखने लायक बातें
- वास्तविक KCC लिमिट किसान की फसल लागत, क्षेत्र, क्रॉपिंग पैटर्न, निवेश योजना, और बैंक के रीपेमेंट आकलन पर तय होती है।
- अलग-अलग बैंकों के प्रोडक्ट नियम/डिलीवरी चैनल, जैसे डिजिटल रिन्यूअल/डेबिट कार्ड, भिन्न हो सकते हैं; संबंधित बैंक के दिशा-निर्देश देखें।
- PM-KISAN के DBT सपोर्ट और KCC की सस्ती क्रेडिट सुविधा मिलकर नकदी प्रवाह को स्थिर बनाते हैं; सरकार ने 2 अगस्त 2025 को PM-KISAN की 20वीं किस्त जारी की है, जिससे लाखों किसानों को सहायता मिली।
उपयोगी लिंक
- नीति/घोषणा: बजट 2025-26 में MISS सीमा ₹5 लाख—आधिकारिक प्रेस नोट्स
- नियमन: RBI KCC स्कीम—लिमिट, सब-लिमिट, MPL, 5-वर्षीय ढांचा
- संसद जवाब: Collateral-free ₹2 लाख; MISS सीमा वृद्धि का उल्लेख
- बैंक उदाहरण: SBI/BoB KCC प्रोडक्ट पेज—ऑफरिंग्स और प्रक्रियाएँ
- कैबिनेट निर्णय: 2025-26 के लिए ब्याज सब्सिडी जारी
Disclaimer: बैंक-वार ब्याज, प्रोसेसिंग, मार्जिन/कोलैटरल, बीमा, और डॉक्यूमेंटेशन भिन्न हो सकते हैं; अंतिम शर्तें संबंधित बैंक/शाखा तय करेगी। सरकारी सब्सिडी/PRI की दरें/नियम समय-समय पर बदले जा सकते हैं; आवेदन से पहले नवीनतम सरकारी/बैंक दिशा-निर्देश अवश्य जाँचें।