PM Koshal Vikas Yojana यानी PMKVY, स्किल इंडिया मिशन की फ्लैगशिप स्कीम है जिसका मकसद युवाओं को इंडस्ट्री-डिमांड वाली स्किल्स देकर नौकरी या स्वरोज़गार के लिए तैयार करना है। हरियाणा के शहरों से लेकर गांवों तक, इस योजना के जरिए फ्री ट्रेनिंग, मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट, प्लेसमेंट सपोर्ट और कई जॉब रोल्स में ट्रेनिंग-सम्बंधित आर्थिक मदद (स्टाइपेंड/असेसमेंट व अन्य अनुमेय सहायता) तक का प्रावधान रखा जाता है। नीचे सारी बातें एक-एक करके समझिए, ताकि अप्लाई करने से पहले पूरी तस्वीर साफ हो जाए।
योजना क्या है और इसका लक्ष्य
PM Koshal Vikas Yojana का लक्ष्य है कि 10वीं-12वीं के बाद, कॉलेज में पढ़ते हुए या पढ़ाई के बाद—जो भी युवा नौकरी ढूंढ रहे हैं—उन्हें कम समय में काम की स्किल सिखाई जाए। ट्रेनिंग NSQF (National Skills Qualifications Framework) के मुताबिक होती है, जिससे सर्टिफिकेट की वैल्यू पूरे देश में मानी जाती है। फोकस सिर्फ क्लासरूम पर नहीं, बल्कि प्रैक्टिकल, ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग (जहां लागू), और सॉफ्ट स्किल्स—कम्युनिकेशन, IT बेसिक्स, इंटरव्यू प्रेप—पर भी रहता है, ताकि जॉइनिंग के पहले दिन से ही कैंडिडेट काम के काबिल दिखे।
किसे मिलेगा फायदा (Eligibility)
आम तौर पर 18–35 वर्ष के भारतीय नागरिक आवेदन कर सकते हैं; कुछ जॉब रोल में एज लिमिट और शैक्षिक योग्यता बदल सकती है। 10वीं/12वीं पास, ITI/डिप्लोमा/ग्रेजुएशन कर चुके या कर रहे स्टूडेंट्स, स्कूल/कॉलेज ड्रॉपआउट और नौकरी की तलाश में युवा—सब शामिल हैं, बशर्ते चुने गए जॉब रोल के मानदंड पूरे हों। कई स्कीम मॉड्यूल लड़कियों, दिव्यांगजनों और सामाजिक रूप से वंचित वर्गों को खास प्राथमिकता देकर बनते हैं, ताकि अधिकतम समावेशन सुनिश्चित हो।
क्या-क्या ट्रेनिंग मिलती है (Sectors & Job Roles)
ट्रेनिंग पार्टनर और सेंटर सरकार द्वारा अप्रूव्ड होते हैं और ये कोर्स इंडस्ट्री की जरूरत से जुड़े रहते हैं। लोकप्रिय सेक्टर्स में IT/ITeS, इलेक्ट्रॉनिक्स, रिटेल, हेल्थकेयर, ब्यूटी-वलनेस, ऑटोमोटिव, प्लंबिंग, इलेक्ट्रिकल, कंस्ट्रक्शन, लॉजिस्टिक्स, टूरिज्म-हॉस्पिटैलिटी, फूड प्रोसेसिंग, ग्रीन जॉब्स, एग्री-संबंधित सपोर्ट रोल आदि शामिल हैं। हर सेक्टर के अंदर कई जॉब रोल होते हैं—जैसे डेटा एंट्री ऑपरेटर, कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव, जनरल ड्यूटी असिस्टेंट (हेल्थकेयर), ब्यूटी थेरपिस्ट, इलेक्ट्रिशियन हेल्पर, फिटनेस ट्रेनर, फोर्कलिफ्ट ऑपरेटर, हाउसकीपिंग सुपरवाइज़र, ऑटो सर्विस टेक्नीशियन वगैरह।
कोर्स की अवधि और ट्रेनिंग का तरीका
ज्यादातर शॉर्ट-टर्म कोर्स 200–400 घंटों के बीच होते हैं, यानी लगभग 2–4 महीने (बैच टाइमिंग पर निर्भर), जबकि कुछ टेक्निकल ट्रेड़ों में 3–6 महीने का समय भी लग सकता है। ट्रेनिंग में लैब/वर्कशॉप प्रैक्टिकल, सेफ्टी प्रैक्टिसेज, मिनी-प्रोजेक्ट, अस्सेसमेंट और फाइनल सर्टिफिकेशन शामिल रहता है। जहां संभव हो, ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग (OJT) या इंडस्ट्री विज़िट भी कराई जाती है ताकि रियल-वर्क एनवायरनमेंट का एक्सपोजर मिले।
फीस, स्टाइपेंड और अन्य सहायता
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ट्रेनिंग फीस: PMKVY के तहत ट्रेनिंग निशुल्क रहेगी; अप्रूव्ड सेंटर किसी भी तरह की एडमिशन फीस/डोनेशन नहीं ले सकते।
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अस्सेसमेंट/सर्टिफिकेशन: स्कीम के तहत यह भी कवर रहता है (योजना के प्रावधान अनुसार)।
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आर्थिक सहायता/स्टाइपेंड: कई जॉब रोल्स/मॉड्यूल्स में ट्रेनिंग अवधि, उपस्थिति, OJT और अस्सेसमेंट से जुड़े नियमों के आधार पर ट्रेनिंग-सम्बंधित सहायता का प्रावधान होता है, जिससे कुल मिलाकर लगभग ₹8,000 तक का लाभ कुछ मामलों में trainees को मिल सकता है। ध्यान रहे कि यह राशि “फिक्स” या “सभी के लिए समान” नहीं, बल्कि रोल, अवधि, उपस्थिति, और लागू दिशानिर्देशों पर निर्भर करती है। स्थानीय/केंद्र दिशा-निर्देश और बैच-विशिष्ट नियम जरूर देखें।
सर्टिफिकेट और प्लेसमेंट सपोर्ट
ट्रेनिंग पूरी होने और अस्सेसमेंट पास करने पर NSQF-अलाइन सर्टिफिकेट दिया जाता है, जिसे इंडस्ट्री में मान्यता मिलती है। ट्रेनिंग पार्टनर्स को प्लेसमेंट/अप्लेसमेंट सपोर्ट, जॉब फेयर, एम्प्लॉयर कनेक्ट और इंटरव्यू ड्राइव्स करवाने होते हैं। कई केंद्रों में अलुम्नी नेटवर्क और जॉब-अपडेट ग्रुप्स भी बनाए जाते हैं, ताकि नए अवसरों की जानकारी मिलती रहे। जो युवा स्वरोज़गार चाहते हैं, वे माइक्रो-एंटरप्रेन्योरशिप के लिए बेसिक गाइडेंस/लिंक्ड स्कीम्स (जैसे Mudra लोन आदि) की जानकारी भी ले सकते हैं।
डॉक्युमेंट्स क्या लगते हैं
आधार कार्ड, बैंक पासबुक/रद्द चेक, पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और शैक्षिक प्रमाणपत्र (10वीं/12वीं/ITI/डिप्लोमा/ग्रेजुएशन आदि) आमतौर पर जरूरी होते हैं। कुछ जॉब रोल्स में अतिरिक्त डॉक्युमेंट (जैसे आयु/निवास/आरक्षण श्रेणी/दिव्यांगता प्रमाण) मांगे जा सकते हैं।
अप्लाई कैसे करें (Registration Process)
रजिस्ट्रेशन सामान्यतः ऑनलाइन पोर्टल पर होता है, जहां बेसिक डिटेल भरकर इच्छित सेक्टर/जॉब रोल चुनते हैं। उसके बाद नजदीकी अप्रूव्ड ट्रेनिंग सेंटर, बैच टाइमिंग और काउंसलिंग की जानकारी मिलती है। काउंसलिंग में स्किल-मैपिंग, इंटरेस्ट और लोकल जॉब डिमांड देखकर जॉब रोल फाइनल कराया जाता है। लोकप्रिय जॉब रोल्स की सीटें जल्दी भरती हैं, इसलिए आवेदन खिड़की खुलते ही फॉर्म भरना समझदारी है। SMS/ईमेल नोटिफिकेशन पर नजर रखें और कॉल्स रिसीव करते रहें ताकि बैच एलॉटमेंट मिस न हो।
कैसे पहचानें असली ट्रेनिंग सेंटर
सिर्फ सरकार-अनुमोदित (approved) ट्रेनिंग पार्टनर/सेंटर पर ही एडमिशन लें। ऐसे केंद्र आमतौर पर सेंटर पर स्कीम का डिस्प्ले, MIS/पोर्टल एंट्री, बायोमेट्रिक अटेंडेंस, लैब/वर्कशॉप सुविधा और ट्रेनिंग कैलेंडर स्पष्ट रूप से दिखाते हैं। “पहले पैसे दो—तब एडमिशन” जैसे ऑफर, फर्जी वेबसाइट/लिंक, अनअप्रूव्ड लोकेशन पर चल रहे बैच और बिना रसीद/बिल के किसी भुगतान से बचें। संदेह हो तो जिला स्किल डेवलपमेंट मिशन/आधिकारिक हेल्पलाइन/ईमेल पर शिकायत और वेरिफिकेशन कराएं।
हरियाणा के युवाओं के लिए उपयोगी सुझाव
हर जिले की इंडस्ट्री-डिमांड अलग है—जैसे गुरुग्राम-फरीदाबाद में IT/ITeS, रिटेल, हॉस्पिटैलिटी; करनाल-पानीपत-यमुनानगर में टेक्सटाइल सप्लाई-चेन, लॉजिस्टिक्स, फूड प्रोसेसिंग; रोहतक-हिसार-भिवानी में ऑटोमोटिव सर्विस, एग्री-मशीनरी सपोर्ट, हेल्थकेयर असिस्टेंस। इसलिए जॉब रोल चुनते वक्त अपने इंटरेस्ट के साथ लोकल डिमांड का हिसाब ज़रूर मिलाएं। नियमित उपस्थिति, अस्सेसमेंट की तैयारी और प्लेसमेंट ड्राइव में एक्टिव रहना—ये तीन आदतें सिलेक्शन की संभावना बढ़ाती हैं।
एक नज़र में (समझने में आसान तालिका)
श्रेणी | सामान्य अवधि | मुख्य सेक्टर/जॉब रोल के उदाहरण | क्या लाभ मिलेगा |
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शॉर्ट-टर्म कोर्स | 200–400 घंटे (2–4 माह) | IT/ITeS, रिटेल, ब्यूटी, लॉजिस्टिक्स, हेल्थकेयर बेसिक्स | निशुल्क ट्रेनिंग, अस्सेसमेंट/सर्टिफिकेशन, जॉब-रेडी स्किल्स |
टेक्निकल/ट्रेड स्किल | 3–6 माह | इलेक्ट्रिकल, ऑटोमोटिव, कंस्ट्रक्शन, प्लंबिंग | प्रैक्टिकल लैब, सेफ्टी, OJT/इंडस्ट्री एक्सपोज़र |
सर्विस/हेल्थकेयर | 2–4 माह | GDA, फेलेबोटोमी, फ्रंट ऑफिस, हाउसकीपिंग सुपरवाइजरी | इंडस्ट्री-कनेक्ट, जॉब फेयर, सॉफ्ट स्किल्स |
आर्थिक सहायता (जहां लागू) | अवधि/उपस्थिति पर निर्भर | चुनिंदा जॉब रोल/OJT | ट्रेनिंग-सम्बंधित सहायता/स्टाइपेंड—कुल मिलाकर कुछ मामलों में लगभग ₹8,000 तक संभव (नियमों पर निर्भर) |
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
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क्या सभी को स्टाइपेंड मिलेगा?
हर जॉब रोल में एक जैसा नहीं होता। यह उपलब्धता, अवधि, उपस्थिति, OJT और लागू दिशानिर्देशों पर निर्भर करता है। ट्रेनिंग शुरू होने से पहले सेंटर से लिखित गाइडलाइन लें। -
क्या ट्रेनिंग पूरी तरह फ्री है?
हाँ, PMKVY के तहत अप्रूव्ड कोर्स फ्री हैं। किसी फीस/डोनेशन की मांग संदिग्ध है—ऐसे केंद्र से दूरी रखें। -
सर्टिफिकेट की वैल्यू क्या है?
NSQF-अलाइन सर्टिफिकेट का नेशनल स्तर पर महत्त्व है, जिससे प्लेसमेंट में मदद मिलती है और आगे अपस्किल के रास्ते खुलते हैं। -
क्या लड़कियों के लिए सुरक्षित और उपयुक्त कोर्स हैं?
हाँ, हेल्थकेयर, रिटेल, ब्यूटी-वलनेस, IT/ITeS, हॉस्पिटैलिटी जैसे सेक्टर्स में बड़ी सहभागिता है; सेंटर पर सेफ्टी और सुविधाएँ चेक करें। -
अप्लाई कब तक करें?
बैच-वार कैलेंडर चलता है; लोकप्रिय कोर्स में सीटें जल्दी भरती हैं। इसलिए रजिस्ट्रेशन ओपन दिखते ही तुरंत आवेदन करना बेहतर है।