दोस्तों, आज हम आपको राजस्थान सरकार की उस खास योजना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें ऊंट पालकों को सीधा आर्थिक फायदा दिया जा रहा है। इस योजना का नाम है ऊंट संरक्षण योजना, और इसके तहत योग्य लाभार्थियों को कुल ₹20,000 तक की राशि दी जाएगी। राजस्थान में ऊंटों की संख्या लगातार घट रही है और सरकार ने इस स्थिति को सुधारने के लिए यह योजना शुरू की है। आइए जानते हैं कि यह योजना क्या है, किसे फायदा मिलेगा और आवेदन की पूरी प्रक्रिया क्या है।
ऊंट संरक्षण योजना क्यों शुरू की गई?
राजस्थान में ऊंटों को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ऊंटों की संख्या लगातार कम हो रही है। इसी वजह से राज्य सरकार ने ऊंट पालन को प्रोत्साहित करने और ऊंटों की प्रजनन दर बढ़ाने के लिए यह योजना लागू की है। इस योजना के तहत जो भी ऊंटपालक हैं, उन्हें आर्थिक सहायता दी जाएगी ताकि वे ऊंटों की देखभाल अच्छे से कर सकें और इस परंपरा को जीवित रख सकें।
लाभार्थियों को कैसे मिलेगा पैसा?
जैसे ही किसी ऊंटनी के बच्चे का जन्म होता है, जिसे स्थानीय भाषा में टोड़िया कहा जाता है, उसी समय ऊंट पालक को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यह आवेदन ऊंट के जन्म के जीरो से दो माह की अवधि में करना जरूरी है। आवेदन करने के बाद ऊंट के बच्चे की टैगिंग होगी और टैगिंग पूरी होते ही पहली किस्त ₹5,000 लाभार्थी को बैंक खाते में भेज दी जाएगी।
इसके बाद जब टोड़िया एक साल का हो जाएगा और वेरिफिकेशन के दौरान जीवित पाया जाएगा, तो दूसरी किस्त ₹5,000 की दी जाएगी। आने वाले समय में आगे भी किस्तें मिलेंगी और इस तरह कुल ₹20,000 तक की राशि ऊंट पालकों को सीधे डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
आवेदन की प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए ऊंटपालक को ऑनलाइन आवेदन करना जरूरी है। आवेदन करते समय यह सुनिश्चित होना चाहिए कि लाभार्थी का जन आधार कार्ड उसके बैंक खाते से लिंक हो, और वह बैंक खाता आधार कार्ड नंबर से भी जुड़ा हुआ हो। आवेदन के बाद सभी वेरिफिकेशन पूरे होते ही पैसे सीधे खाते में भेज दिए जाएंगे।
योजना का महत्व
यह योजना सिर्फ पैसों का लाभ देने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य ऊंटों की घटती संख्या को रोकना और उनकी प्रजनन दर को बढ़ाना है। राजस्थान में ऊंट केवल एक जानवर नहीं है, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपरा का अहम हिस्सा है। इसीलिए सरकार चाहती है कि ऊंट पालन को बढ़ावा मिले और पालकों को आर्थिक बोझ न उठाना पड़े।
निष्कर्ष
राजस्थान सरकार की यह नई योजना 2025 उन सभी ऊंट पालकों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो अपनी आजीविका ऊंट पालन से चलाते हैं। अब उन्हें कुल ₹20,000 का फायदा मिलेगा और वह भी सीधे उनके बैंक खाते में। दोस्तों, अगर आप भी ऊंट पालन करते हैं या आपके आसपास कोई ऊंट पालक है, तो उन्हें इस योजना की जानकारी जरूर दें।
यह योजना न केवल ऊंट पालकों की आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद करेगी, बल्कि राजस्थान की पहचान रहे ऊंटों की संख्या को भी बढ़ाने का एक मजबूत कदम साबित होगी।